Wednesday 14 February 2018

मंत्रालय building : आत्महत्या और safety net



http://www.asianage.com/metros/mumbai/080218/suicide-attempts-embarrass-government.html

देशभक्त: हा हा हा हा!

आम आदमी: अरे भाई क्यों हंस रहे हो अचानक?!

देशभक्त: अपने मंत्री लोगो ने क्या काम किया है, पता है? अच्छा तुम्हें क्या पता होगा, तुम्हें क्या करना है कि समाज में क्या हो रहा है। तुम्हारी गाड़ी ठीक से चल रही है बस। बाकी भाड़ में जाये भले।

आम आदमी: हाँ भई, नही पता हमें। ऐसे फालतू की टेंशन नही लेता मैं। होना तो वही है जो मंत्रियों को ठीक लगेगा। लेकिन किया क्या है उन्होंने ऐसा जो तुम ठहाका लगा कि हंस रहे हो!

देशभक्त: उन्होंने indirectly बोला है कि तुम्हें मरना है तो भले मर जाओ लेकिन मंत्रालय की building में मरने आओगे तो अब मौत भी नसीब नही होगी। इसका मतलब ये की जिंदगी सुधर जाने की तो उम्मीद वैसे भी नही थी किसी को वहाँ जाने पर..अब आप वहाँ मर भी नहीं सकते।

आम आदमी: नहीं समझा।

देशभक्त: मंत्रालय की building में 2-3 लोगों ने आत्महत्या करली। किसी ने जमीन के बेतुके सरकारी मुआवजे को लेकर तो किसी ने बर्बाद फसल को लेकर। मतलब कोई सरकार की समझ से दुखी था तो कोई भगवान के गुस्से से और सरकार के निट्ठल्ले पन से। तो अब उन्होंने मंत्रालय की building में जाकर आत्महत्या करली। जैसे भगत सिंह ने अंग्रेज़ो की नाक के नीचे बम फोड़े थे, वैसे ही अब लोगों को मंत्रियों की आंखों के आगे जान देनी पड़ रही है कि माई बाप, अब तो सुन लो । ...हा हा हा हा!

आम आदमी: अरे उनकी आत्महत्या पर हंस रहे हो!?

देशभक्त: नहीं, आगे जो बताने वाला था उसपे हंसी आगयी। तो सरकार ने सोचा कि ये समस्यायें तो हम हल कर नहीं पाएंगे, तो लोगों को मरने की favourite जगह कम कर देते हैं। तो उन्होंने मंत्रालय में safety net बांध दिए। बोल रहे हैं कि अब यहाँ मर के दिखाओ।

आम आदमी: हा हा हा। मतलब काम तो करेंगे तब करेंगे, तुम यहाँ मरना बंद करो। लगता है पूरे शहर में safety net बांधने वाले हैं फिर तो।

देशभक्त: नहीं रे बबुआ। इन्हें तो बस ये डर है कि मंत्रालय की building में मरेंगे तो भूत बनके उन्हें ही ना सताए। बाकी भले मरते रहो कहीं भी।

आम आदमी: मतलब मंत्रालय पहले लोग समस्या निपटाने जाते थे उम्मीद के साथ। अब उम्मीद खत्म हो रही है तो खुद को निपटाने जा रहे है।

देशभक्त: ज्यादा बोल रहा है भाई तू। सरकार काम कर रही है। ज्यादा मत बोल।

आम आदमी: सॉरी भाई। मेरी local ट्रेन आगयी। मैं तैयार हो जाता हूँ जानवर बनने के लिए।



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