Showing posts with label name. Show all posts
Showing posts with label name. Show all posts

Wednesday, 9 January 2019

तू ही बता अब क्या किया जाए !?

तू ही बता, अब क्या किया जाए।

अब भी तुम मेरे सपनों में आती हो,
क्यों भला बीच रात में जगा जाती हो,
जग कर सोचता हूं कि अब भी क्यों आती हो तुम।

ख्यालों में आती हो उसका क्या,
क्या मिलता है अब तुम्हें,
जब कुछ मुमकिन ही नहीं फिर भी।

कभी कभी मुंह से निकल पड़ती है तुम्हारी बातें,
क्या चाहती हो अब आखिर,
अब तो साफ ही है कुछ नहीं हो सकता।

तुम्हारे नाम को देखकर ठिठक जाता हूं अब भी,
ऐसा क्या रखा है तुम्हारे नाम में,
रास्ते मिल ही नहीं सकते अब तो, फिर भी।

याद आ जाती हो कभी भी चलते फिरते,
कब तक ऐसे परेशान करोगी तुम,
सोचता हूं क्या किसी मोड़ पर फिर मिलोगी तुम?

तू ही बता, अब क्या किया जाए।