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Monday, 18 September 2017

दुर्गा, आधी दुनिया और गालियाँ

क्यों?
आखिर क्यों?
क्यों सारी गालियों में केवल स्त्री की ही गरिमा को तार तार किया जाता है।

क्यों किसी की बुराई में उसकी माँ और बहन को बीच में लाया जाता है,
क्यों बातों ही बातों में तुम वो सब कर देते हो जिसके लिए तुम ही ने, हाँ तुम ही ने निर्भया candle march निकाला था।
तुमने ही उसकी निंदा फेसबुक पर की थी,
तुमने ही ऐसे इंसानो को सजा दिलवाने की मांग की थी।
लेकिन क्यों फिर आज तुम्हें फर्क नही पड़ता,
क्यों अपने ही दोस्त की बहन मां के साथ वही सब बातों में कर देते हो ।

एक ओर तुम माँ दुर्गा आदि शक्ति की आरती करते हो,
दूसरी ओर उसी नारी शक्ति को बातों से ही रौंद देते हो।
एक और अपनी माँ के लिए mothers day पर कविताएं लिखते हो,
ओर दूसरी तरफ दूसरों की माओं के साथ बातों में ही....।
एक और तुम women's day पर अच्छे अच्छे post paste करते हो, 
और दूसरी तरफ उन्हीं women की धज्जियाँ उड़ाते हो।
एक और अपनी बहन से राखी बंधवाते हो, सुरक्षा का वादा करते हो,
और दूसरे ही दिन तुम्हारा दोस्त तुम्हारी बहन के लिए कुछ भी कह जाता है और तुम हंस देते हो।

कैसे बेटे और भाई हो तुम..सोचो।

और तो और ये सब कोई और नहीं, तुम करते हो और दोस्त को करने देते हो। वाह।

क्यों तुम्हें शर्म नहीं आती..

शायद यह सोच कर की बोलने वाले का यह मतलब नहीं है।
तो फिर जब मतलब ही नहीं है तो कहना ही क्यों है।
और कुछ कहना ही है तो और भी बहुत शब्द है।

क्यों तुम्हें सामने वाले के सम्मान को ध्वस्त करने के लिए उसके बहन और माँ के सम्मान को कुचलना होता है।

ताज़्ज़ुब और मसखरा तो तब होता है
जब वो फेमिनिज्म की बातें करती है और दूसरी तरफ गालियां बकती है।
जब स्त्रीवाद (फेमिनिज्म) की बाते करने वालियाँ भी वही सब कहती है जिसके विरोध में अपनी दुकान चलाती है।
अपनी ही जाति के सम्मान को पैरों तले रौंद कर,
वो अपनी जाति की बराबरी की बाते करती है।
जो खुद अपनी आधी दुनिया के सम्मान की फिक्र नही रखते,
तो कोई और उस बारे में क्यों दिमाग लगाये।

गाली देना बिल्कुल भी cool नहीं है यार,
समझो कि किसी की इज़्ज़त को यूं तार तार करना cool हो ही नही सकता।

आधी दुनिया, जागो,
कब तक अपने ही तिरस्कार पर यूँ मौन बनी रहोगी,
और कब तक अपना ही तिरस्कार करती रहोगी।
ये तुम ही हो जो मिटा सकती हो इस बुराई को।

आज एक नहीं, हर नारी में शक्ति की जरूरत है।
शक्ति जो ऐसे अपमान करने वालों पर प्रहार कर सके,
शक्ति जो केवल मूर्तियों और किताबों से निकल कर हक़ीक़त में आये।
हे शक्ति, समझाओ अपने भाइयों को, कि किसी और की बहन की इज़्ज़त न उड़ाए।

यकीन रखो इसी तरह तुम्हरी गरिमा बनेगी जब कोई और बहन तुम्हारी सुरक्षा करेगी।
निर्भया के निर्भया बनने के बाद अफसोस करने से अच्छा अभी निर्भया बनो।

दुर्गा तुम्हारा ही एक रूप है।