Sunday, 17 February 2019

आदमी!


जगत में न्यायमूर्ति कहलावे,
सब पक्ष सुनने वाला आदमी।
दूसरा पक्ष सोच भी नहीं पावे,
पूर्वाग्रह से ग्रस्त आदमी।

जिंदगी में सबसे जीत जावे,
विश्वास रखने वाला आदमी।
हकीकत पर बहुत पछतावे,
गलत-फहमियों का शिकार आदमी।

हद अनहद क्या पहचाने,
किसी के इश्क़ में डूबा आदमी।
हर क़दम फूंक के रखे,
जिंदगी में धोखा खाया आदमी।

बहुत तकलीफ़ पावे,
सत्य पर चलने वाला आदमी।
सुकुनी नींद ना ले पावे,
झूठ बोलने वाला आदमी।

मुश्किलों को पार कर जावे,
मेहनत करने वाला आदमी।
कुछ क़दम चल के रुक जावे,
भाग्य भरोसे आदमी।

क्षणभंगुर कब्जे के लिए,
आदमी से लड़ता आदमी।
किस पर भरोसा करे, किसे नजरअंदाज,
आदमी से त्रस्त आदमी।

8 comments:

  1. ज़िन्दगी में खुशियां भर जाए...
    सच बोलने वाला आदमी।
    अपनों से जो झूठ बोल जाए,
    प्यार मै अंधा आदमी। 😉😛

    बहुत खूब लिखी

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  2. जब समझे नहीं सामने वाला कुछ भी,
    तो कुछ भी सोचता आदमी।
    जब सामने वाले को सच समझ ना आए,
    झूठ जल्दी समझने वाला आदमी।
    आधी बातों से निष्कर्ष निकलता,
    नासमझ आदमी। 😛😂

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    1. अभी कुछ Line ध्यान नी आरी😅😅

      अभी के लिए= 👊🤛🤜😂

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    2. This comment has been removed by the author.

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  3. झूठ का पर्दफाश कर सके,
    सबूत वाला आदमी..
    लेकिन
    सबूत होते हुए भी बता ना पाए,
    एक मजबुर आदमी..

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  4. हर मुश्किल से भिड़ जाये
    और जीत जाये आदमी
    पर अपनी ही सन्तान के सामने
    हार जाये आदमी

    बहुत बढ़िया राघव👌👌

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  5. हर मुश्किल से भिड़ जाये
    और जीत जाये आदमी
    पर अपनी ही सन्तान के सामने
    हार जाये आदमी

    बहुत बढ़िया राघव👌👌

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